भिवाड़ी जोन ने राज्य सरकार के खजाने में एसजीएसटी एंव वैट से 220 करोड़ का राजस्व जमा कराया। वहीं सीजीएसटी, आईजीएसटी एंव सेस को मिलाकर 760 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। सीजीएसटी से 73 करोड़, आईजीएसटी से 428 करोड़ और सेस से 40 करोड़ का राजस्व मिला है। इस तरह भिवाड़ी से महीने का केंद्र एंव राज्य सरकारों को बंपर राजस्व अर्जित हुआ है।
एसजीएसटी एंव वैट से राजस्व प्राप्त
भिवाड़ी संभाग को 114 करोड़ एसजीएसटी से प्राप्त हुआ है। एसजीएसटी से अप्रैल में 115, मई में 140, जून में 124 करोड़ और जुलाई में 124 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था। इस तरह चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों एसजीएसटी प्राप्ति में उतार-चढ़ाव का ग्राफ देखने को मिला। गत वर्ष में 118 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह वैट में भी 106 करोड़ का राजस्व मिला है। अप्रेल में 75 करोड़, मई में 133 करोड़, जून में 127 करोड़ और जुलाई में 104 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। वैट को भी देखे 99 करोड़ रुपए प्राप्त हुए है। वैट में भी 7 करोड़ रूपये की बढ़ोतरी हुई है।
फीसदी की वृद्धि
चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीने और गत वर्ष की समान अवधि की तुलना करें तो भिवाड़ी में राजस्व अर्जन की दर 15 बढ़ रही है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में 618 करोड़ एसजीएसटी से प्राप्त हुआ है, जबकि गत वर्ष की अवधि में 537 करोड़ रुपए थे।
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चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीने 81 करोड़ से अधिक राजस्व मिला है। जो 15 फीसदी से अधिक है। वैट तो चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में 547 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जबकि गत वर्ष की अवधि में 496 करोड़ रुपए हुए है।
राजस्व की वृद्धि के लिए कार्य
राजस्व की प्राप्ति से उद्योग में अच्छा उत्पादन हो रहा है। फेक्ट्रियो से निकले उत्पादों की बाजार में अच्छी खपत हो रही है। मांग और आपूर्ति बराबर चलने से राजस्व में वृद्धि दर्ज हो रही है। राजस्व वृद्धि के लिए फेक, बोगस करदता की पहचान के लिए अभियान चलाया है। ट्रांसपोर्ट जांच और ई-वे बिल वेरिफिकेशन कर रहे है। कर अपवंचन में लिप्त करदताओं की जांच कर प्रभावी सर्वेक्षण किए जा रहे है। विभाग की और से मिलने वाले बिजनेस ऑडिट, स्क्रूटनी पर भी विशेष कार्रवाई कर राजस्व वृद्धि के हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।