परिणामों में निर्मलता का होना ही आर्जव धर्म, कॉसमॉस सोसाइटी में धूमधाम गणेशोत्सव

भिवाड़ी तिजारा न्यूज़

भिवाड़ी क्रॉसमॉस ग्रीन सोसाइटी में चल रहे गणेश उत्सव में सोसाइटी वासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भगवान गणेश को 56 प्रकार का भोग का प्रसाद अर्पित किया। गणेश उत्सव में बच्चो के मनोरंजन के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे बच्चो ने भगवान गणेश, हनुमान जी और अन्य धर्मिक तस्वीरों को बनाया। प्रतियोगिता जितने वाले बच्चे प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के साथ-साथ दो सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। इसके साथ सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया गया।

समिति के सचिव संदीप शर्मा ने बताया

उन्होंने बताया कि गणेश उत्सव के अगले दिन हवन और पूजन का आयोजन होगा, जिसके बाद गणेश जी का विसर्जन विधि-विधान से किया जाएगा।

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इस कार्यक्रम में चंद्रमोहन भारद्वाज, पूनम भारद्वाज, नविन चतुर्वेदी, सुनील गुप्ता, श्याम गुप्ता, मुकेश झा, सुभाष शर्मा, अंजू शर्मा, श्रवण चौबे, मनोज गुप्ता, आदेश गोद, संदीप शर्मा, सतीश शर्मा, राजेश सभी उपस्थित थे।

तिजारा जैन मंदिर के बारे में

तिजारा कस्बे के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर घासमंडी में चल रहे दशलक्षण पर्व तहत तीसरे दिन को उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया गया। मंदिर में जैन समाज के श्रध्दालुओं ने नित्य नियम पूजन के साथ अभिषेक किया तथा देहरा जैन मंदिर में दशलक्षण विधान का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। पार्श्वनाथ मंदिर में मयंक जैन शास्त्री ने अपने प्रवचन कार्यक्रम में उत्तम आर्जव धर्म बताया कि अपने परिणामों ने निर्मलता का होना ही आर्जव धर्म है। मन में अच्छे भाव से वचन को कहना, वैसा ही आचरण करना आर्जव है। मनुष्य के मन में भाव कुछ होते है। वचन कुछ होते है। ऐसे में मनुष्य को परमात्मा पद की प्राप्ति नहीं होती है। वही देहरा जैन मंदिर पर विराजमान आर्यिका वर्धस्वनंदनी माता जी ने उत्तम आर्जव धर्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी मंदिर में विधान सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम हुए।

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