भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव की समस्या दूर करने को 355 करोड़ के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को स्वीकृति मिल चुकी है। प्रमुख शासन सचिव उद्योग की अध्यक्षता में हुई बैठक में डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। शुरुआत में जो काम कराएं जाएंगे, उनका निर्धारण बीड़ा करेगी। 55 करोड़ की राशि रीको देगी और बाकि की राशि 305 करोड़ रूपये के फंड का इंतजार सरकार अभी करेगी। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में भिवाड़ी के जलभराव को दूर करने की घोषणा की थी। निवर्तमान सरकार की घोषणा के बाद बीड़ा ने निजी कंपनी को डीपीआर तैयार करने के कार्यादेश दिए थे। कई महीनों बाद डीपीआर तैयार हुई है।
जलभराव की समस्या से परेशान
उद्योग नगरी में जलभराव की समस्या खराब हो रही थी। हरियाणा धारूहेड़ा ने तिराहे पर रैंप बनाकर प्राकृतिक बहाव को बाधित कर दिया था। इसके बाद बाइपास और भगत सिंह कॉलोनी क्षेत्र में स्थिति बुरी हो गई।
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साथ ही यूआईटी सेक्टर, पाश्वनाथ मॉल, गौरवपथ पर भी जलभराव से परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसकी वजय से डीपीआर को मंजूरी मिलने और प्रोजेक्ट शुरू होने का इंतजार हो रहा था।
प्रोजेक्ट में पांच हजार दो सौ रिचार्ज पिट
नौ स्थानों पर इन फिल्ट्रेशन टैंक निर्मित होगा। फिल्ट्रेशन टैंक का आकार प्रत्येक स्थान पर अलग है। रिचार्ज पिट और फिल्ट्रेशन टैंक के माध्यम से एक मिनट में 4.3 क्यूबिक मिटेर पानी जमीन के अंदर जाएगा, जिससे जल स्त्रोत बढ़ेगा। डीपीआर के अनुसार क्षेत्र में होने वाली बारिश का 25 फीसदी पानी एक दिन में रिचार्ज पिट और फिल्ट्रेशन टैंक के माध्यम से जमीन के अंदर चला जाएगा। एक बार की बारिश का पानी चार दिन में पूरी तरह जमीन के अंदर चला जाएगा। सारा पानी एक ही दिन में सुख जाए। प्रोजेक्ट से तकनीकी रूप से जलभराव दूर करने के उपाय मिले है।