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भिवाड़ी में बनेगा नया ड्रेनेज सिस्टम, धारूहेड़ा में नहीं जाएगा पानी, दोनों सरकार मिलकर करेगी कार्य

भिवाड़ी धारूहेड़ा न्यूज़

हरियाणा और राजस्थान के बीच दूषित पानी का विवाद जल्द सुलझेगा। हरियाणा के धारूहेड़ा में राजस्थान के भिवाड़ी की ओर से आने वाले दू्षित पानी का समाधान होगा और राजस्थान सरकार जल्दी प्रयास कर रही है। राजस्थान सरकार यहां चेन्नई माॅडल की तर्ज पर ड्रेनेज सिस्टम तैयार करेगी। इस पर 355 करोड़ रुपये की लागत आएगी। राजस्थान सरकार से डीपीआर को हरी झंडी मिलने के बाद पहले चरण में 50 करोड़ रुपये का टेंडर लगाने की प्रक्रिया की जा रही है।

दूषित पानी की समस्या

धारूहेड़ा कस्बे में दूषित पानी की समस्या को लेकर नेशनल हाईवे नंबर-919 पर अवरोधक लगाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब ढाई से तीन साल का समय लगेगा। पहले चरण में रिचार्ज पिट व इन फिल्ट्रेशन टैंक बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में शहर में नाले का निर्माण कराया जाएगा और अंतिम चरण में निंबाहेड़ी में प्राकृतिक झील व आरएचबी की जमीन पर वाटर प्लाजा व एसटीपी बनाया जाएगा। इन फिल्ट्रेशन टैंक व रिचार्ज पिट के निर्माण के बाद उसकी साफ-सफाई  दूषित पानी की उचित तरीके से मॉनिटरिंग के लिए भिवाड़ी के पांच विभागों की पीडब्ल्यूसी यानी पब्लिक वर्क कमेटी का गठन किया है। जिसमें बीडा, नप, आरपीसीबी, रीको व आरएचबी अधिकारियों को शामिल किया है।

निंबाहेड़ी में बनेगी झील

335 करोड़ रुपये की योजना में निंबाहेड़ी में 400 बीघा जमीन पर प्राकृतिक झील, 10 एमएलडी का एसटीपी और भिवाड़ी से लेकर निचाहेड़ी तक एसटीपी के शोधित पानी को ले जाने के लिए 17 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन और भिवाड़ी के 8 बड़े नालों को चौड़ा करने व उनकी मरम्मत का काम किया जाएगा। आरएचबी की 5 हेक्टेयर जमीन पर वाटर प्लाजा का निर्माण किया जाएगा। एसटीपी से शोधित पानी को कृषि, शहर के ग्रीन पार्क व इंडस्ट्री एरिया को दिया जाएगा। शेष बचे पानी को निंबाहेड़ी में बनने वाली प्राकृतिक झील में डाला जाएगा। प्रोजेक्ट के पूरा होने पर भिवाड़ी के वाटर स्टोरेज की क्षमता 490 एमएलडी हो जाएगी।

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पानी को लेकर आने-जाने वालों को परेशानी

दूषित पानी के कारण सोहना रोड जर्जर हो चुका है। बरसात के बाद जलभराव की समस्या गंभीर हो जाती है। वाहन चालकों को वाया कापड़ीवास आवागमन करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आठ से दस किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती रही है। धारूहेड़ा क्षेत्र के लोगों को केमिकलयुक्त पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने तेजी से प्रयास करना शुरू कर दिए हैं।

 इन-फिल्ट्रेशन टैंक व रिचार्ज पिट

चेन्नई मॉडल की तर्ज पर रिचार्ज पिट व इन-फिल्ट्रेशन टैंक के मॉडल को अपनाया जाएगा। इन दोनों मॉडल के जरिए बारिश का पानी जमीन में भेजा जा सकेगा, जिससे कारण भूजल स्तर बढ़ेगा। इन-फिल्ट्रेशन टैंक

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व रिचार्ज पिट की रोजाना की करीब 10 करोड़ लीटर पानी को समाहित करने की क्षमता होगी। बारिश के पानी से भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए भिवाड़ी में 9 जगह 14 इन-फिल्ट्रेशन टैंक बनाए जाएंगे।

राजस्थान और हरियाणा दोनों मिलकर कार्य कर रही है

जिला प्रशासन की ओर से डीसी अभिषेक मीणा व राजस्थान के अधिकारियों सहित विधायक बाबा बालकनाथ के साथ दूषित पानी की समस्या को लेकर योजना तैयार की गई थी। दूषित पानी को दूर करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जनवरी में टेंडर लगाने की योजना है। पानी की समस्या को लेकर धारूहेड़ा-भिवाड़ी के बीच सीमा में एक रैंप बनाया था। तिजारा विधायक बाबा बालक नाथ पिछले वर्ष नवंबर में रैंप को तोड़ने के लिए पहुंचे थे पर प्रशासनिक दखल के बाद वह वापस चले गए थे। राजस्थान पुलिस की तरफ से सीमा पर बैरिकेड लगाने को लेकर भी धारूहेड़ा पुलिस के साथ धक्का मुक्का हो चुकी थी, तब भी काफी विवाद हुआ था।

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