राजस्थान सरकार द्वारा बिजली कर्मचारियों के निजीकरण को लेकर लगातार खैरथल जिले में इसका विरोध किया जा रहा है। खैरथल जिले के सभी बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भिवाड़ी के नीलम चौक पर स्थित विघुत विभाग के कार्यालय पर धरना दिया। साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन होस में आओ जैसे नारे लगाते हुए नारेबाजी की।
बिजली विभाग का धरना प्रदर्शन
सांकेतिक धरने के बाद सभी अधिकारियों ने भिवाड़ी के बिजली विभाग कार्यालय में विभाग के अधिकारी एस सी महावर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उसके बाद अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करने के लिए जिला मुख्यालय खैरथल के लिए निकल गए।
निजीकरण के विरोध के कारण
- सामरिक सुरक्षा पर प्रभाव– निजीकरण से सामरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- बेरोजगारी का बढ़ना– ऊर्जा क्षेत्र में स्थाई रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे।
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- लाभ-हानि के सिद्धांत पर प्रभाव– विघुत विभाग राज्य सरकार द्वारा बिना बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर संचालित होता है, लेकिन निजीकरण से यह बदल सकता है।
- घरेलू उपभोक्ताओं पर बोझ– निजी हाथों में जाने से घरेलू उपभाक्ताओं के लिए बिजली महंगी होने की संभावना है।
प्रदर्शनकारियों की मांग
कर्मचारियों की मांग है कि राज्य सरकार तुरंत इस प्रस्ताव को रद्द करे और विघुत विभाग को सरकारी नियंत्रण में बनाए रखे। प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा है-विभाग का निजीकरण राज्य की जनता और कर्मचारियों दोनों के लिए हानिकारक होगा। वही बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता एस सी महावर ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। जिसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा।