वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, जिससे हर उम्र के लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। वायु में मौजूद हानिकारक गैसों, धूल कणों, और अन्य प्रदूषकों की बढ़ती मात्रा हमारे पर्यावरण और जीवनशैली को खतरे में डाल रही है। अलवर और भिवाड़ी में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। अलवर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 225 पहुंच गया है, जबकि भिवाड़ी का AQI 442 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
वायु प्रदूषण खतरनाक एक्यूआई स्तर
वायु प्रदूषण को मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स का उपयोग किया जाता है। यह छह स्तरों में विभाजित होता है:-
- शुद्ध (0-50)- सुरक्षित और स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं।
- संतोषजनक (51-100)- हल्की परेशानी, खासतौर पर अस्थमा के मरीजों के लिए।
- मध्यम (101-200)- कमजोर वर्गों में सांस लेने की समस्या।
- खराब (201-300)- स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
- बहुत खराब (301-400)- फेफड़ों और दिल की बीमारियों में वृद्धि।
- गंभीर (401-500)-सभी के लिए स्वास्थ्य आपातकाल; लंबे समय तक संपर्क खतरनाक।
एक्यूआई से होने वाली परेशानी
- सांस की बीमारियां– अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी।
- हृदय रोग– दिल के दौरे और ब्लड प्रेशर में वृद्धि।
- आंखों और त्वचा में जलन– धूलकणों और रसायनों के संपर्क से।
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- इम्यून सिस्टम पर असर– शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना।
- मानसिक स्वास्थ्य– लंबे समय तक प्रदूषण से तनाव और डिप्रेशन।
बचने के लिए उपाय
- मास्क का प्रयोग करें– प्रदूषण स्तर अधिक होने पर एन-95 या एन-99 मास्क पहनें।
- घर के अंदर रहें– सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें, जब प्रदूषण स्तर उच्च होता है।
- पौधों का उपयोग– घर में एयर प्यूरीफाइंग पौधे जैसे मनी प्लांट, एलोवेरा लगाएं।
- वाहन का कम उपयोग– सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और कारपूलिंग को अपनाएं।
- सफाई पर ध्यान दें– अपने घर और आसपास धूल-धुएं से बचाव करें।
- एयर प्यूरीफायर-घर के अंदर वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, लेकिन जागरूकता और सतर्कता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। सरकार और नागरिकों को मिलकर इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए।