Headlines

भिवाड़ी सारेकलां गांव से अल क़ायदा के 6 आतंकवादियों को पकड़ा, आतंकी संगठन की पूरी जानकारी

bhiwadi Al Qaeda terrorists arrested

राजस्थान के भिवाड़ी से आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़े 6 संदिग्धों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भिवाड़ी पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए चौपानकी थाना क्षेत्र के सारेकलां गांव से छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनका आरोप है कि उन्हें अन्य देश के राज्यों से लाकर भिवाड़ी जिले में हथियार और गोला-बारूद की ट्रेनिंग दी जा रही थी। संदिग्धों सारेकलां गांव के जंगल को आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के रूप में उपयोग किया जा रहा था।

आतंकी के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। एटीएस ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और झारखंड और भी कई शहरों में छापेमारी की। ऑपरेशन में अल-कायदा से प्रेरित एक मॉड्यूल अल-कायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) का खुलासा हुआ।

मॉड्यूल का संचालन कौन है

इस मॉड्यूल का संचालन रांची का डॉ. इश्तियाक कर रहा था। वह देश के विभिन्न इलाकों में बड़ी आतंकीवादी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में जुटा था। मॉड्यूल के सदस्यों को अलग-अलग स्थानों पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी।

इंडस्ट्रियल एरिया में रह रहे थे संदिग्ध

एटीएस को भिवाड़ी आतंकी गतिविधि की जानकारी मिली थी। चौपानकी के इंडस्ट्रियल एरिया में दबिश दी गई, जहां पर 6 संदिग्ध एक साथ रह रहे थे। भिवाड़ी पुलिस को इस ऑपरेशन की पहली से जानकारी थी। दावा किया जा रहा कि लोकल पुलिस पहले से आरोपियों पर नजर रखी हुई थी। आरोपी जहां पर रह रहे थे, वह चौपानकी क्षेत्र सारेकलां गांव राजस्थान का अजमेरी नाका पर स्थित है। यहां से आगे हरियाणा की सीमा शुरू हो जाती है और चारो तरफ दर्गम जंगल और पहाड़ी क्षेत्र है। इधर बाहर से आने वाले आमजन एंव सुरक्षा बलों मूवमेंट नहीं होता। पूर्व में भी बाइक चोरी और गोकशी के मामले होते रहते है। यहां अपराध करने वाले दो राज्यों की सीमाओं का फायदा उठाकर भाग निकलते है।

READ  बीड़ा की लापरवाही के कारण प्रोजेक्ट में पार्किंग स्पेस नहीं छोड़ा, प्रोजेक्ट काम न होने पर बीड़ा पर जुर्माना

संदिग्ध से हथियार भी बरामद किए

भिवाड़ी के दौरे पर आए जयपुर रेंज आईजी अनिल कुमार टांक ने बताया-एटीएस की टीम ने चौपानकी थाना क्षेत्र के सारेकलां गांव में कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया।

यह भी पढ़े: कोलकाता डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले में लोगो जताया विरोध, जाने इस केस की पूरी कहानी

एटीएस ने भिवाड़ी पुलिस से फोर्स मांगी थी, जो भेजी गई थी। पूरी कार्रवाई दिल्ली पुलिस स्पेशल की थी, जो आतंकी लोगो को गिरफ्तार कर सीधा दिल्ली ले गई। उनसे हथियार बरामद किए। सभी दूसरे राज्यों के रहने वाले थे।

कैसे बना आतंकी संगठन AQIS

अल-कायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) की शुरुआत 2014 में पूर्व अल-कायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी ने की थी। पाकिस्तान मूल का असीम उमर इसका शुरुआती सदस्य था। तब अल-जवाहिरी की तरफ से एक वीडियो सामने आया था, जिसमे उसने भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की बात बोली थी।

आतंकी संगठन AQIS के पीछे कौन था

अब इसकी अगुवाई ओसामा महमूद कर रहे थे, जो पाकिस्तान मूल बताया जाता है। US-अफगान मिलिट्री ऑपरेशन में उमर मारा गया था। इसके बाद 2019 में महमूद ने इसकी बागडोर अपने हाथ में ली। उन्होंने सब कॉन्टिनेंट में अल-कायदा के एक संगठन AQIS के लिए 200 लड़के मौजूद थे। इनका लीडर ओसामा महमूद है। वही अफगानिस्तान में इस संगठन के लिए 400 लड़के थे। UN के एक मेंबर स्टेट ने दावा किया कि AQIS क्षेत्र में ISIS के खोरासान प्रॉविंस (ISIL-K) से जुड़ने के लिए तैयार है।

AQIS के प्रमुख आतंकी हमले

सितंबर 2014
AQIS के आतंकियों ने पाकिस्तान नेवी के युद्धपोत पर कब्जे का प्रयास किया। इस घटना में 10 आतंकी और एक नेवी ऑफिसर की मौत हुई थी।
सितंबर 2014
AQIS ने कराची में इस्लामिक स्कॉलर मोहम्मद शकील की हत्या की जिम्मेदारी ली।
मार्च 2015
बांग्लादेश ब्लॉगर वशीकुर रहमान की हत्या की AQIS ने ली जिम्मेदारी।
मार्च 2015
कराची में आत्मघाती बम विस्फोट में 2 सैनिकों की मौत, AQIS का आया नाम।
अगस्त 2015
सेक्युलर बांग्लादेशी ब्लॉगर निलॉय नील, अनंत बिजॉय दास की हत्या की जिम्मेदारी अंसार-अल-इस्लाम ने ली।
अक्टूबर 2015
अंसार-अल-इस्लाम ने बांग्लादेशी सेक्युलर बुक्स के पब्लिशर फैसल अरेफिन की हत्या की जिम्मेदारी ली।
अप्रैल 2016
AQIS ने बांग्लादेश में गे राइट्स एक्टिविस्ट जुल्हाज मन्ना की निर्मम हत्या की जिम्मेदारी ली।
अप्रैल 2016
बांग्लादेश में AQIS के सहयोगी संगठन अंसार-अल-इस्लाम ने बांग्लादेशी ब्लॉगर नजीमुद्दीन समद की हत्या की जिम्मेदारी ली।
जनवरी 2017
AQIS आतंकियों ने कराची में पुलिस हेडक्वॉर्टर पर ग्रेनेड से हमला किया, 1 नागरिक की मौत।
अगस्त 2018
अफगानिस्तान के गजनी शहर पर तालिबनी हमले में AQIS भी शामिल था।

भारत में पहली बार आतंकी संगठन AQIS का कब पता चला

दिल्ली में 2015 में तीन आतंकियों को गिरफ्तार के बाद, भारत में पहली बार AQIS मौजूद होने का पता चला था। दिल्ली पुलिस ने AQIS के आतंकी मौलाना अब्दुल रहमान कासमी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया कि इस आतंकी संगठन ने झारखंड के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप बना रखा था। 2021 में UP पुलिस ने अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिंद के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। भारत में अब AQIS का कोई बेस नहीं।

पोस्ट को शेयर करे