Artika Shukla का जन्म 5 सितम्बर 1990 में वाराणसी के गांधी नगर में हुआ था। वह वाराणसी में पली-बढ़ी थी। अर्तिका शुक्ला के पिता डॉ. बृजेश शुक्ला एक प्रसिद्ध चिकित्सक और IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के सचिव थे। माँ नीला शुक्ला गृहणी है। अर्तिका के दो बड़े भाई गौरव शुक्ला और उत्कर्ष शुक्ला है। दोनों भाई ने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। अर्तिका ने वाराणसी के “सेंट जॉन” स्कूली से शिक्षा पूरी की। उन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए 2013 में मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से एमबीबीएस की डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में इंटर्नशिप की। अभी अर्तिका शुक्ल खैरथल-तिजारा जिले के जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत है।
अर्तिका ने चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में एमडी पीडियाट्रिक्स कोर्स के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन 2014 में उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी। क्योकि उन्हें अपने बड़े भाई गौरव शुक्ला से प्रेणा मिली थी, जिन्होंने 2012 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और आईएएस कैडर में शामिल हुए थे।
अर्तिका शुक्ला का करियर और प्रारंभिक जीवन
2015 में उन्होंने 25 वर्ष की आयु में अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा पास कर ली और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त किया।अर्तिका का मानना है, कि सिविल सेवा परीक्षा में उनकी सफलता के उनके भाई का बहुत बड़ा सहयोग रहा। उन्होंने अपनी तैयारी के लिए कभी कोचिंग सेंटर से क्लास नहीं ली, बल्कि भाइयो ने उनकी मदद की।
अर्तिका शुक्ल को राजस्थान कैडर में नियुक्त किया गया। उन्होंने आईएएस अधिकारी के रूप में, अपनी लगन और प्रदर्शन से बहुत जल्दी अपनी पहचान बना ली थी। अर्तिका के वैज्ञानिक इतिहास में उन्हें सार्वजानिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा प्रशासन में सटीक अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिनमे से कुछ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओ को सुधार करने वाले नियम और कार्यो को लागू करने समझ हुई। जहा उन्होंने सेवा की। अर्तिका ने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया, जिसमे से सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) शामिल है। वह नियम और व्यावस्था बनाए रखने, सरकारी योजना को लागू करने और कुशल प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार बन गई।
आईएएस अर्तिका शुक्ला और जसमीत की लव स्टोरी
यूपीएससी एग्जाम पास करने के बाद जिनका सलेक्शन हो जाता है, उन्हें ट्रेनिंग के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन भेजा जाता है। आईएएस जसमीत सिंह व अर्तिका शुक्ला भी ट्रेनिंग के लिए गए थे। 2015 में आईएएस की परीक्षा पास तीसरे रैंक पर जसमीत सिंह संधू व चौथे नंबर पर अर्तिका शुक्ला रही थी।
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अर्तिका शुक्ला को आईएएस ट्रेनिंग के समय अधिकारी आईएएस जसमीत सिंह से लव हो गया था जसमीत दिल्ली के रहने वाले थे। जसमीत सिंह को राजस्थान और अर्तिका शुक्ला को भारतीय प्रशासनिक सेवा केंद्र शासित प्रदेश कैडर मिला था। इसके बाद अर्तिका ने जसमीत को शादी का जिक्र किया, उसके बाद वह राजस्थान कैडर में आ गई। साल 2017 में आईएएस अर्तिका शुक्ला और आईएएस जसमीत सिंह ने शादी कर ली।
अर्तिका शुक्ला के सर्विस रिकॉर्ड
अर्तिका शुक्ला राजस्थान के कई पदों पर सेवाएं दे चुकी है। शुरुआत में उदयपुर के ऋषभदेव में उपखण्ड अधिकारी पद। 2019 से 2020 तक अजमेर में आईएएस रही। विभाग के अतिरिक्त आयुक्त और अलवर यूआईटी सचिव पद की जिम्मेदारी भी संभाली। 2024 में 33 साल की आईएएस अर्तिका शुक्ला राजस्थान के दूदू जिले की डीएम है।
अर्तिका शुक्ला के बारे में रोचक तथ्य और शौक
- अर्तिका शुक्ल यूपीएससी के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हुई और एक कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया। अर्तिका शुक्ला को विभिन्न प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया गया। अर्तिका शुक्ला सरकार और सार्वजनिक कार्यो में सहयोग करती है।
- अर्तिका शुक्ला के साहसिक कार्य से कई उम्मीदवारों सिविल सेवा बनने के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। अर्तिका शुक्ला की कहानी यूपीएससी परीक्षाओ की तैयारी करने वाले व्यक्तियों के लिए एक प्रेरक कथा के रूप में कार्य करती है
- अर्तिका शुक्ला ने आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवा जारी रखी हुई है और उन्हें सौंपे गए विविध विकास कार्यो योगदान दे रही है।
- डॉ. अर्तिका शुक्ला को अपने प्रियजनों और दोस्तों के साथ घुलना-मिलना पसंद है। जब वह अपने उपहार के साथ होती है, तो उन्हें सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है। अर्तिका को अपने दोस्तों और परिवार के साथ यात्रा करना अच्छा लगता है। वह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी यात्रा और अपने जीवनकाल की कई सारी तस्वीरें शेयर करती हैं।
अर्तिका शुक्ला के पुरस्कार और उपलब्धियां
- 2018 में, लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए चुना गया।
- सरकारी संकायों को बदलने में उनके काम के लिए शैक्षिक प्रशासन में नवाचारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार।
- इसके अलावा उन्हें आपदा प्रबंधन और समुदायिक कल्याण कार्यकर्मो में उनके प्रयास के लिए सराहना मिली है। जो समाज में उनके बहुमुखी योगदान को दर्शाता है।
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