भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। नए उद्योग लग रहे है जैसे – इवी, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो जॉन बनाए गए है। इस तरह उद्योगो को बढ़ावा देने का प्रयास हो रहा है। लेकिन औधोगिक भूखंडो में आयी तेजी का लाभ उद्यमी खूब ले रहे है। गत और चालू वित्तीय वर्षा को देख कर यह स्पष्ट होता है कि जिस तरह नए उद्यमियों ने भूखंड ख़रीदे, वही पर रीको में नाम परिवर्तन करने के कई मामले सामने आये। गत और चालू वित्तीय वर्ष में 126 भूखंड के आवंटन हुए, जबकि गत और चालू वित्तीय को मिलाकर करीब 160 नाम परिवर्तन किये गए। इस तरह नए औद्योगिक भूखंड में उद्यमियों में प्रवेश किया, औद्योगिक नजरिए में अच्छा ही माना जाएगा, क्योकि औद्योगिक भूखंड में सिर्फ उत्पादन ही हो सकते है।
भिवाड़ी में दो नए औद्योगिक क्षेत्र निवेश के लिए खोले। भिवाड़ी में बाजार में बहुत तेजी का माहौल दिखा। नए निवेशों ने एक साल पहले जितना निवेश किया, वह तीन से पांच गुना तक पहुंच चुका है।
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एक साल पहले जिन्होंने एक करोड़ का निवेश किया, वह अब तीन से पांच करोड़ पहुंच चूका है। जिन्होंने एक दशक, दो दशक निवेश किया। उनके कोडियो के भूख़ड, अब करोडो में हो चुकी है। इसकी वजय से उद्यमी ने उत्पादन करने के साथ ही जमीन खरीदनी शुरू कर दी। रीको से आवंटित भूखंड को पंजीयन कार्यकाल में रजिस्ट्री करने के साथ रीको में भी नाम परिवर्तन कराना पड़ता है।
देखे कहा कहा कितने भूखंडो का आवंटन हुआ
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में 22 भूखंड के आवंटन हुए है। अभी तक क्षेत्रफल 2 लाख वर्गमीटर से अधिक है, इन जमीन की कीमत 190 करोड़ है।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में बंदापुर में 12 भूखंड के आवंटन हुए, इनका क्षेत्रफल 63 हजार वर्गमीटर से अधिक, कीमत 66 करोड़ है।
- चौपानकी में 16 भूखंड आवंटन हुए है, इनका क्षेत्रफल 7500 वर्गमीटर से अधिक है और कीमत 11 करोड़ है।
- कारोली में 11 भूखंड आवंटन हुए है, इनका क्षेत्रफल 2.44 लाख वर्गमीटर से अधिक है और कीमत 223 करोड़ रुपया है।
- खुशखेड़ा में 10 भूखंड आवंटन हुए है, इनका क्षेत्रफल 17 हजार वर्ग मीटर और कीमत 24 करोड़ से अधिक है।
- सलारपुर में 13 भूखंड आवंटन हुए है, जिनका क्षेत्रफल करीब 1.27 लाख वर्गमीटर और कीमत 148 करोड़ है।
- इस तरह से वित्तीय वर्ष में 104 भूखंड आवंटित हुए, जिनका कुल क्षेत्रफल 6.58 लाख वर्गमीटर से अधिक और कीमत करीब 662 करोड़ रूपये है।
विभाग के नियमानुसार उद्यमी खरीद और बेच सकते है। बेचने का भी रीको शुल्क लेता है, नए निवेशक बढ़ने से औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन भी बढ़ा है।