Bhiwadi Toll Tax से 1.50 लाख की चोरी, टोल टैक्स को हटाने का केस अटका

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भिवाड़ी खिजूरीवास गांव में स्थित टोल टैक्स पर काम करने वाले सहकर्मी टोल टैक्स ऑफिस से 1.50 लाख रुपए लेकर फरार हो गया। भिवाड़ी टोल टैक्स के मालिक ने बताया की मध्य प्रदेश के गुना जिले में रहने वाला अभिषेक टोल टैक्स क्लेक्शन के ऑफिस में काम करता है। अभिषेक ने दिन भर कलेक्शन पर आई करीब 1.50 लाख नकदी कार्यलय में रखे थे।

अगले दिन जब वह cash निकलने गया तो अलमारी से गायब मिले रूपये। इतना ही नहीं अभिषेक भी गायब मिला। जब CCTV कैमरा चेक किया तो, अभिषेक अलमीरा से Cash निकालता दिखाई दिया। अभिषेक ने ऑनलाइन गेम खेलकर करीब 80 हजार रुपए हर गया।

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इस मामलो को लेकर टोल टैक्स के प्रबंधक ने कर्मचारी के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया। CCTV के आधार पर चोरी आरोप पर मामला दर्ज कर मामले की जाँच करनी शुरू कर दी।

भिवाड़ी टोल टैक्स को हटाने की 7 साल से कोशिश जारी

खिजूरीबास टोल टैक्स को परिषद सीमा से बाहर करने के लिए सामाजिक संस्थाओं द्वारा 2016 में आंदोलन किये गए थे। लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली थी। इस मामलो को हाईकोर्ट में भी भेजा गया, लेकिन बड़े अधिकारियो ने वहा भी रूकावट लगा दी। सामाजिक संस्थाओं के आंदोलन को भी राजनितिक संरक्षण की वजय से कुचलने का प्रयास किया। रोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कम्पनी ऑफ राजस्थान लिमिटेड (RIDCOR) टोल को परिषद सीमा से इसलिए नहीं ले जाना चाहते थे, क्योकि उनको लाखो रुपए का नुकसान होगा। चुनाव से पूर्व किशनगढ़बास विधायक दीपचंद खैरिया ने टोल को शिफ्ट कराया था। खिजूरीबास टोल को सीमा से बाहर करने के लिए गांव वालो ने कई बार उग्र आंदोलन किए। गांव वालो का कहना है, कि टोल के दोनों ढाणी है। उन्हें अपने गांव जाने के लिए भी टोल चुकाना पड़ता था।

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आते-जाते लोगो को दिक्कत

टोल के उस तरफ दर्जनों की संख्या में आवासीय सोसायटी है, जिसमे हजारो परिवार रहते है। यह परिवार फैक्टरी में काम करने वाले और खरीदी के लिए भिवाड़ी आते है। ऐसे में दिन भर में लोगो का आना-जाना होता है। टोल बीच में होने के कारण लोगो को टोल चुकाना पड़ता है। और जाम लगने के कारण समय बर्बाद होता है। पूर्व विधायक संदीप यादव ने लोगो को टोल से बचने के लिए कार्ड बनवाये थे, इसके लिए कैंप लगाए गए थे। लेकिन रिडकोर के मिलीभगत से टोल कंपनी ने वहा भी रास्ता निकाल लिया। जिससे आवासीय सोसायटी को दिक्कत होने लगी। गाड़ी के कास्टेग पर पैसे कटने लगे, जिससे आमजन को असुविधा होने लगी।

टोल को शिफ्ट करने के मामले को हाईकोर्ट में भेजा

नियमानुसार टोल को सीमा से बाहर होना चाहिए। इस मामले को लेकर टाउन आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एके ङ्क्षसह हाईकोर्ट भी लेकर गए। हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई, लेकिन नगर परिषद, रिडकोर अधिकारियो के पक्ष में तलाश किया गया। लेकिन सुनवाई देरी होने के कारण टोल शिफ्ट करने का मामला अटका ही रह गया।

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