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अलवर के दो जिले खैरथल-तिजारा को यथावत रखने का बड़ा बयान, बालकनाथ ने भिवाड़ी जिला के लिए बेस्ट कहा

भिवाड़ी तिजारा विधायक बालकनाथ न्यूज़

राज्य सरकार ने नौ जिले और तीन संभागों को निरस्त कर दिया है। लेकिन अलवर को जिला तोड़कर बनाए गए खैरथल तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ जिले को यथावत रखा है, जबकि खैरथल तिजारा को खत्म किया जा सकता है। इस जिले को खत्म नहीं करने को लेकर भविष्य की राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। तिजारा के विधायक बाबा बालकनाथ ने खैरथल-तिजारा की बजाय भिवाड़ी को जिला बनाने की मांग की थी।

तिजारा के विधायक बालकनाथ ने कहा

उन्होंने कहा कि खैरथल तिजारा को ख़त्म करना सरकार का निर्णय है, लेकिन जिले के लिए सबसे उपयुक्त भिवाड़ी है। यहाँ एसपी पहले से बैठ रहे है और कई प्रशासनिक अधिकारी भी यहां हैं। ऐसे में सरकार को ज्यादा पैसे खर्च नहीं करना पड़ रहा है। खैरथल तिजारा में अभी भी दो विधानसभा सीट आती है। जिसमे तिजारा से भाजपा के बालकनाथ और किशनगढ़बास में दीपचंद खैरिया विधायक हैं। लोकसभा चुनाव में तिजारा सीट पर भूपेंद्र यादव आगे रहे थे।

खैरथल तिजारा जिले में दो एसपी

भूपेंद्र यादव भी इस जिले को खत्म करने के पक्ष में नहीं थे। खैरथल-तिजारा जिले में अभी दो एसपी बैठ रहे हैं। जिले के हिसाब से जिला मुख्यालय खैरथल पर एसपी बैठ रहा है।

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इस जिले में कुल 12 थाने हैं।जिसमें भिवाड़ी एसपी के पांच और खैरथल एसपी के पास 7 थाने हैं, जबकि एक जिले में इतने थाने तो सर्किल ऑफिसर के अंडर में ही आते हैं।

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अलवर के दो जिलों में सुविधा

अभी अलवर के भरोसे ही कोटपूतली-बहरोड़ और खैरथल-तिजारा जिले चल रहे हैं। यहां पर जिले के हिसाब से कार्यालय भी नहीं बन पाए हैं और पुलिस की नफरी भी अभी तक तय नहीं हो पाई है। अलवर के जिले में पुलिस लाइन नहीं बनी है, फायरिंग रेंज भी नहीं बन पाई है, यहां तक मरीज भी अलवर के सामान्य चिकित्सालय में आ रहे हैं और पुलिस की चालानी गार्ड और एस्कॉर्ट तक अलवर से जाती है। अलवर के जिले में अभी भी सुविधा अच्छी नहीं है।

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