जलभराव की समस्या से भिवाड़ी वासियों को निजात नहीं मिल पा रहा है। पहले भगत सिंह कॉलोनी, नगीना गार्डन के पास जलभराव की समस्या हो रही थी। अब स्टार हॉस्पिटल के पास ओवरफ्लो होकर नाले से गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। यह गंदा पानी आरएचबी सेक्टर एक, दो व तीन, नंगलिया गांव, भिवाड़ी मोड़ से नाले के माध्यम से सीईटीपी के पास बने नाले से होते हुए नगीना गार्डन से हरियाणा में जाता था, लेकिन हरियाणा प्रशासन द्वारा धारूहेड़ा हरियाणा सीमा में राजस्थान के पानी को आगे जाने से रोकने के लिए नाला बंद किया हुआ है।
भिवाड़ी अलवर बाइपास पर गंदा पानी की समस्या
प्रशासन की ओर से नगीना गार्डन या आगे भगतसिंह कॉलोनी में पानी नहीं भरे इसके लिए एसटीपी के पास नाले को मिट्टी डालकर बंद किया हुआ है। जिसके कारण स्टार हॉस्पिटल के पास सड़क पर पानी भरा हुआ है। नाले के पानी को एसटीपी के चैंबर में डाला जा रहा है। भिवाड़ी एसटीपी के पास भरा नाले का गंदा पानी। औद्योगिक नगरी को साफ-सफाई के हालत सुधारने के लिए क्षेत्र में कंपनियों के सीएसआर फंड के तहत चार महीने पहले करीब छह जगह कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई थी।
जिला कलेक्टर अर्तिका शुक्ला ने कचरा स्टेशन के बारे में बताया
उस समय खैरथल-तिजारा जिला कलेक्टर ने बताया था, लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद कचरा ट्रांसफर स्टेशन की योजना जमीन पर नहीं आ सकी। जिसमें शहर के घटाल गांव, सूरज सिनेमा, हरचंदपुर गांव, सांथलका, राम चौक, श्याम वाटिका समतल चौक के पास कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाएं जाने थे।
जिसका उद्देश्य था कि शहर की सड़कों से गंदगी फैलने पर रोक लग सके। सभी कचरा स्टेशन से ऑटो टिपर के माध्यम से कचरा प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुँचाया जा सके। शहर में कंपनी के सीएसआर फंड के माध्यम से कचरा स्टेशन बनाने के लिए अभी तक मात्र दो कंपनी आगे आई है।
कंपनियों का कार्य
जिसमें रेबिन सन ऑप्टिकल प्राइवेट लिमिटेड व हेनन क्लाइमेट सिस्टम लिमिटेड शामिल है। इन दोनों कंपनियों द्वारा नगर परिषद से दो जगह कचरा स्टेशन बनाने के लिए साईट प्लान माँगा गया है। कचरा स्टेशन बनाने में कंपनियों का करीब पांच लाख रूपये तक खर्च किये जाएंगे। कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड द्वारा कचरा ट्रांसफर स्टेशन में करीब 6 फीट तक की दीवार बनाकर टीन शेड लगाकर निर्माण कार्य किया जाना था और ऑटो टिपर के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा चक्कर लगाकर सारे कचरे को प्रोसेसिंग प्लांट तक लेकर जाना था। शहर में कंपनी के सीएसआर फंड के माध्यम से कचरा स्टेशन बनाने के लिए अभी तक मात्र दो कंपनी आगे आई है और बाकी कंपनियों से संपर्क कर बाकी जगहों पर कचरा ट्रांसफर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।