भिवाड़ी बीड़ा द्वारा धारूहेड़ा मोड़ से टोल प्लाजा तक अलवर बाइपास पर 4.5 किलोमीटर लंबा सिक्स लेन प्रोजेक्ट दो साल पहले शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट पर कुल 37 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है। काम तय समय से एक साल से ज्यादा पिछड़ चुका है। निर्माण एजेंसी पर जुर्माना भी लगाया गया है, लेकिन इस प्रोजेक्ट की प्लानिंग में बड़ी खामी सामने आई है।
बीड़ा प्रोजेक्ट का काम
उनका काम पूरा होने से पहले ही अपने बने बनाए ग्रीन एरिया को उजाड़कर उसे वाहनों की पार्किंग के लिए रिजर्व जगह का रूप देना पड़ा। इस पुरे प्रोजेक्ट की प्लानिंग पर ही बीड़ा ने करीब 10 लाख रूपये खर्च किए है। इसकी प्लानिंग जयपुर के एक फार्म में कराई गई। जिस पर तत्कालीन अधिकारियों की सहमति के बाद काम शुरू हुआ था, लेकिन शहर की मांग और जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया। जिसका नतीजा यह है।
प्रोजेक्ट में कुछ नया बदलाव
इस प्रोजेक्ट में दो जगह आमूलचूल परिवर्तन करना पड़ रहा है। ऐसे में अब कोणार्क सोसायटी से जेनेसिस मॉल के सामने तक और रॉयल प्लाजा से लीजेंड सेंट्रा मॉल तक करीब 70 से 100 मिटेर एरिया के ग्रीन एरिया को खत्म करने की कवायद शुरू कर दी गई है। यहाँ ग्रीन एरिया की जगह टाइल्स लगाकर वाहनों के लिए पार्किंग बनाई जाएगी।
बीड़ा अधिकारी ने बताया
उन्होंने बताया कि इन दोनों प्वाइंट पर वाहनों की पार्किंग के कारण यहाँ शाम के समय हालात बेहद खराब हो जाते है। ऐसे में यहाँ पार्किंग बनाए जाने का प्लान किया है। साथ ही यहाँ से हटाई जा रही ग्रिल वगैरह का उपयोग हरीश बेकरी के समीप किया जाएगा। अभी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है और न ही ग्रीन एरिया विकसित हो पाया था। ऐसे में दो जगह अभी पार्किंग के लिए जगह बनाई जा रही है। यह व्यवस्था अस्थाई है। इसे बदलकर फिर से ग्रीन एरिया का रूप दिया जा सकता है।
प्रोजेक्ट की शुरुआत कैसे हुई
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत अतुल प्रकाश, सीईओ, बीड़ा में 37 करोड़ रूपये की लगत के बाइपास पर सिक्स लेन प्रोजेक्ट की शुरुआत 2022 में हुई थी। जिसके निर्माण कार्य का ठेका जयपुर की पारुल कंस्ट्रक्शन एंड कंपनी को दिया गया था। इस प्रोजेक्ट को एक साल में पूरा किया जाना था।
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लेकिन बारिश, बिजली लाइनों की शिफ्टिंग व ग्रेप की पाबंदियों के कारण पहले यह काम पिछड़ता चला गया। इसलिए इस काम को पूरा करने की अंतिम डेडलाइन 2024 तय की गई थी, लेकिन तब भी यह काम पूरा नहीं हुआ।
एजेंसी को जुर्माना लगाया
निर्माण एजेंसी को करीब दो करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है कि इस प्रोजेक्ट का काम खत्म करना है। लेकिन कुछ पाबंदी लगी रहने के कारण काम बंद है। अगर हालात ऐसी रहे, तो एक बार फिर से प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ानी पड़ेगी।