भिवाड़ी प्रशासन शहर में जलभराव की निकासी नहीं करा सका। अब इन्वेस्ट समिट का कार्यक्रम फाइनल हुआ, तो शहर को साफ-सुथरा दिखाने के लिए पानी को उन्हीं इलाकों में बंद रखने जैसा कदम उठाया जा रहा है। अफसरों ने आरएचबी ऑफिस के समीप टी-पाइंट व मंशा चौक के समीप चित्रा इलेक्ट्रिक के सामने वाले नालों मिट्टी डालकर बंद कर दिया। यहां के लोगों को पता चला तो विरोध में सड़क पर उतर आए। कई माह से बंद पानी खोलने की मांग करने लगे।
पार्षद प्रतिनिधि सतीश कुमार दायमा ने कहा
उन्होंने कहा कि अरावली सेक्टर सहित मंशा चौक की तरफ से आने वाले गंदे पानी के रास्तों को पिछले काफी समय यही रोक रखा है, ताकि यह पानी बहकर बाइपास पर जाकर जमा नहीं हो। इससे गन्दा पानी ओवरफ्लो होकर सेक्टर की सड़क पर जमा है। लोग लगातार शिकायत कर रहे है। हाउसिंग बोर्ड अफसर सुन नहीं रहे। उल्टे और जगह पर नाले को बंद करना शुरू कर दिया है। लोगों की मांग है कि मंशा चौक सहित आवासीय सेक्टरों का पानी का प्रॉपर तरीके से निकलवाया जाए। विवाद बढ़ा तो पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर मामला शांत किया।
भिवाड़ी लोगो का विरोध
आरएचबी के अधिकारियों ने पानी निकासी का आश्वासन भी दिया। लेकिन पानी निकासी नहीं हो सकी थी। पुलिस लोगो को समझाइश करती रही। शहर के में नेशनल हाइवे और बाइपास के समीप जलभराव की समस्या को एक साल हो चूका है। यहाँ बॉर्डर पर मिट्टी की दीवारें पानी रोकने के लिए हाइवे पर बानी हुई है। इसका कोई स्थाई समाधान सीएम स्तर के अधिकारियों की दखल के बाद भी अब तक नहीं निकल सका है।
भिवाड़ी में अंदरूनी इलाके में नाले बंद
इन्वेस्ट समिट माह के अंतिम सप्ताह में होनी है। ऐसे में बाहर से आने वाले उद्योगपतियों के सामने भिवाड़ी को साफ दिखाने के लिए प्रशासन फौरी कवायद कर रहा है। गंदे पानी के बीच रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
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आवासीय इलाकों से निकलने वाले पानी को रोकने के लिए नाले पर मिट्टी डालकर बंद किए जा रहे है, ताकि बाइपास और मुख्य मार्ग चकाचक नजर आए। भले ही अंदरूनी इलाकों में लोग गंदे पानी के बीच जीत रहे है।
पानी निकलने के लिए दो नालों में मिट्टी
उच्चाधिकारियों से गंदे पानी को बाइपास की तरफ जाने से रोकने के निर्देश मिले है। इसके लिए दो नालो में मिट्टी डाली गई है। पानी को खाली पड़ी कमर्शिया जमीन पर डायवर्ट कर रहे है। निकासी के लिए भी पंप लगा दिए है। इसमें शिखा माथुर, एईएन, आरएचबी शामिल थे।