भिवाड़ी में एसपी के मोबाइल को ट्रेस करने के आरोप में साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर और छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। सब इंस्पेक्टर और छह पुलिसकर्मियों ने मिलकर भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी के मोबाइल की लोकेशन कुछ दिन से ट्रेस कर रहे थे। इसका खुलासा होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। उसके बाद एसपी कड़ा एक्शन लेते हुए साइबर सेल के एक सब इंस्पेक्टर समेत छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इस मामले की जाँच पुलिस हेडक्वार्टर, जयपुर से की जाएगी। जयपुर रेंज आईजी अजय पाल लांबा भी भिवाड़ी पहुंचे। इस मामले में शामिल आरोपी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा रही है।
मामले में शामिल आरोपी सस्पेंड
मामले का खुलासा होने पर सामने आया कि उनके ही विभाग के लोग सब इंस्पेक्टर और छह पुलिसकर्मियों शामिल थे। जिनको सस्पेंड किया, श्रवण जोशी, हेड कांस्टेबल अवनेश कुमार, कांस्टेबल भीम, रोहिताश, सतीश, राहुल और दीपक थे।
भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी ने बताया
उन्होंने बताया कि उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि उनके विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ऐसा काम करेंगे। विभाग के कर्मचारी उनकी गतिविधियों पर नज़र रख रहे थे। मामला सामने आने के बाद जाँच की जा रही है। यह जानकर उन्हें हैरानी और निराशा हुई है। लेकिन पुलिसकर्मी आखिरकार किसके इशारे पर एसपी का फ़ोन ट्रेस कर रहे थे। यह मामला भिवाड़ी और जयपुर तक सिमित नहीं बल्कि पुरे प्रदेश में पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बन गया है।
एसपी के मोबाइल कौन ट्रेस कर रहे थे
यह मामला भिवाड़ी साइबर सेल का है। साइबर सेल अपने इंचार्ज सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर एसपी के मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। एसपी के मोबाइल की लोकेशन 10 से 15 बार निकाली गई। जिस नंबर से लोकेशन लेने के लिए मैसेज किये जाते थे, उसकी चैटिंग को भी डिलीट कर दिया गया। इस मामले की जानकारी एसपी के पास गोपनीय तरीके से पहुंची, तो एसपी भी हैरान हो गई कि उनके विभाग के पुलिसकर्मी उनकी लोकेशन ट्रेस कर रही है।
पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट
हालांकि यह तर्क पुलिस वाले ही खारिज कर रहे है। पुरे प्रकरण की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेज दी गई है। जिसकी जाँच भिवाड़ी एससी-एसटी सेल के डीएसपी को दी गई है। मामले में कार्रवाई हुई थी, लेकिन प्रदेश पुलिस में अपने तरह का पहला केस होने से सब चुप्पी साधे है। एसपी की जासूसी का वास्तविक मकसद में शामिल अन्य चेहरों पर खुलासा अभी नहीं हुआ है।
मामले के पीछे श्रवण जोशी
अब तक घटनाक्रम में शक श्रवण जोशी पर है। एसपी के मोबाइल की सर्विलांस और लोकेशन ट्रेकिंग से पुरे सिस्टम की गोपनीयता खतरे में है। साइबर सेल एसपी की सीधी निगरानी में काम करती है। लिहाजा पूरी टीम एसपी के सबसे करीब और भरोसेमंद मानी जाती है। भिवाड़ी में भी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी को एसपी मैत्रेयी ने लगाया था। जोशी की सीधी रिपोटिंग एसपी को थी। जब जासूसी का पता चला तो एसपी ने पहले छह कर्मचारियों को सस्पेंड किया। उक्त कर्मियों ने बताया कि लोकेशन निकालने के निर्देश इंचार्ज श्रवण जोशी ने दिया था। यह नंबर किसका है, यह स्टाफ को नहीं पता था।
एसपी को कैसे पता चला मामला
बार-बार एक ही नंबर की लोकेशन निकलवाई जाने लगी तो गौर किया कि एसपी का नंबर निकला। यही से बात खुली और एसपी तक पहुंच गई। बताया गया है कि एसपी को दूसरे सप्ताह में ही इस संबंध में कुछ संदेह हो गया था।
ये भी पढ़े: Jyeshtha Maitrei: जाने कोन है भिवाड़ी की नई SP, राजस्थान की सबसे खूबसूरत IPS ऑफिसर
उस दौरान साइबर सेल के एक कर्मचारी को लाइन हाजिर किया था। हाल ही की कार्रवाई उक्त कर्मचारी को सस्पेंड किया गया है।
मध्यप्रदेश की रहने वाली है ज्येष्ठा मैत्रेयी
एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी मध्यप्रदेश के गुना की रहने वाली है। उन्होंने 2017 में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। इसके बाद 2018 में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद राजस्थान कैडर में पहली बार उदरपुर के गिर्वा सर्कल में एएसपी के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्हें भीलवाड़ा में एसपी रही। फिर जयपुर क्राइम ब्रांच में डीसीपी के पद पर नियुक्त किया गया। सिरोही, कोटपूतली, बहरोड़ में फील्ड में पोस्टिंग रही है। अब भिवाड़ी में एसपी है। इस दौरान उन्हें खैरथल-तिजारा एसपी का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है।